! अब लिखो बिना डरे !
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मेरे माथे पर
नरम -गरम
दो अधरों की छुअन ,
कितना पावन !
कितना पवित्र !
माँ का चुम्बन !
………………………………….
फैलाकर बाहें
माँ का घुटनों
तक झुक जाना ,
दौड़कर मेरा
माँ से लिपट जाना !
मातृत्व का अभिनन्दन !
कितना पावन !
कितना पवित्र !
माँ का चुम्बन !
………………………………………
ढिठाई पर पिटाई ,
मेरा रूठ जाना ,
माँ का मनाना ,
माँ का दुलार ,
ममता की फुहार !
माँ से शुरू
माँ पर ख़त्म !
मेरा बचपन !
कितना पावन !
कितना पवित्र !
माँ का चुम्बन !
शिखा कौशिक ‘नूतन ‘
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