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अब तो फेसबुक बिना ज़िंदगी बदरंग !

! अब लिखो बिना डरे !
! अब लिखो बिना डरे !
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यारों के घर आना -जाना हो गया है बंद ,
”चैट” करना ”लाइक ” करना अब हमें पसंद !
कुछ भलाई कुछ बुराई कुछ ख़ुशी कुछ रंज ,
सोशल साइट्स बन गयी ज़िंदगी का अंग !!
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अब कहाँ नुक्कड़ की महफ़िल अब कहाँ चौपाल ,
अब कहाँ जुम्मन के किस्से औ चंदू के धमाल ,
अब तो फेसबुक बिना ज़िंदगी बदरंग !
सोशल साइट्स बन गयी ज़िंदगी का अंग !!
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बेगमें भी अब पड़ोसन से न मिलती ,
कामवाली से नहीं कोई खबर सुनती ,
अब छतों पर गुफ्तगूं का सिलसिला है बंद !
सोशल साइट्स बन गयी ज़िंदगी का अंग !!
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जवान है औलाद पर चिंतित न डैड -मॉम ,
एक क्लिक तो कर के देखें ‘शादी डॉट कॉम ”,
पिक्चर विवाह की हो रही शेयर सभी के संग !
सोशल साइट्स बन गयी ज़िंदगी का अंग !!
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कोई नहीं सुना रहा मुन्नू को कहानी ,
ब्लॉग -लेखन में जुटी दादी और नानी ,
दादा -नाना ट्वीट करते बेटा -बहू हैं दंग !
सोशल साइट्स बन गयी ज़िंदगी का अंग !!
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बेगमें करती नहीं शौहर का इंतज़ार ,
दे रही हैं ब्लॉग्स पर भावों को आकार ,
दर्द बयां करने का सीख लिया ढंग !
सोशल साइट्स बन गयी ज़िंदगी का अंग !!
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जन्म -मृत्यु ,हर्ष -शोक सब है ऑनलाइन ,
मेल -मुलाकात का इंसान पर न टाइम ,
साइटों पर चल रही मोहब्बतें व् जंग !
सोशल साइट्स बन गयी ज़िंदगी का अंग !!
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है नहीं कुछ हर्ज़ ग़र हद में करें प्रयोग ,
हद से पार होते ही बन जाता है ये रोग रोग ,
मजबूत करें साइटों से आपसी सम्बन्ध !
सोशल साइट्स बन गयी ज़िंदगी का अंग !!

शिखा कौशिक ‘नूतन ‘

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