Menu
blogid : 12171 postid : 65

इब लौंडिया नी लौंडों को संभालो-लघु कथा

! अब लिखो बिना डरे !
! अब लिखो बिना डरे !
  • 580 Posts
  • 1343 Comments

इब लौंडिया नी लौंडों को संभालो-लघु कथा


Beautiful_indian_girl_face : Asian Young smiling woman calling by phone. Over white background


सुखबीर ….सुखबीर ‘सख्त लहजे में लखनपाल आवाज़ लगता हुआ सुखबीर की दहलीज़ में घुसा .सुखबीर आँगन में खाट पर बैठा हुआ चाय पी रहा था .लखनपाल की आवाज़ सुनते ही सुखबीर ज्यों ही उठा लखनपाल वहीँ आ पहुंचा और कड़े स्वर में बोला -‘सुख्बीरे   कित्ती बेर टोका था तुझे …लौंडिया को दाब के रख …जवान छोरी .जींस पहरेगी ..फून रखेगी …और तो और मोटर साईकिल पे फिरेगी ..लौंडा बन के .टेम देखा है तूने ?साँझ होने आ गयी ..इब तक न आई ..मेरा बबलू भी फंस गया उसके साथ …अच्छा सोच्चा मैंने साथ साथ आ जाया करेंगें सकूल से ..पांच किलोमीटर का रास्ता .मेरे लौंडे के साथ रहने से तेरी लौंडिया की हिफाज़त भी हो जावेगी .तू इतने इत्मीनान से क्योकर बैठा ?कोई फून आया था के ?भाग न गयी हो किसी की गैल ?तावली कर तावली…”लखनपाल की बात पर सुखबीर ठहाका  लगाकर हंस पड़ा और उसे झिड़कते हुए बोला -”बक बक पूरी होगी तेरी या ओर भी बकेगा ?मेरी लौंडिया ना भागी किसी की गैल .. तेरे लौंडे के कारण हो गया वहां सकूल में बबाल .उसने किसी नेता की लौडियां छेड़ दी ..फून से फोटू खीन्छ लिया .मेरी लौंडिया ने संभाला सारा मामला .उस लड़की को समझाया तब मानी वो …अरनी पड़ गए थे लेने के देने .सब फून पे बताया मेरी लौंडिया ने .इब आने ही वाले . लखनपाल इब लौंडिया नी लौंडों को संभालो .सवरे बोत  बिगड़ गए .”लखनपाल ये सुनकर ”आन दे आज  हरामजादे कू… फून ना फोड़ दिया उसका तो मेरा नाम लखनपाल नी !!” कहता हुआ खिसियाकर वहां से खिसक लिया .

शिखा कौशिक ”नूतन”


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply