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”अम्मा …श..श…धीरे बोलो .मोदी सुन लेगा ”
…अब तो क़यामत ही आ गयी …हद हो गयी ..मुआ मुख्यमंत्री हो गया फिर भी आदत न बदली .इसे क्या हक़ है हमारे घर की बातें छिपकर सुननेका?ससुरा छज्जे पर खड़ा सवेरे टूथपेस्ट कर रहा था …जब मैंने बिटिया से कहा यहाँ आँगन में -”ले बिटिया ढूध पी ले ”..बस फिर क्या मुएँ ने ढोल बजा दिया .मेरी लाडो क्यों होती मोटी जो पतले होने को ढूध न पीवे !पर इसे क्या इसने तो सारी दुनिया में गा दिया …नमक मिर्च लगाकर ..लड़कियां यूं ढूध न पीती …लड़कियां वू ढूध न पीती .बचपन में ही दूसरों के घरो की बातें सुनने पर इसकी माँ ने कनपटी पर धरा होता एक तो ये तांक-झांक की आदत तो जाती .मुआ तब तो अँधा बहरा हो गया जब क़त्ल-ए-आम हो रहे थे .दिखे भी न था गली में …छत पर …खिड़की पर …और म्हारे घर की बहू-बेटियों की बाते सुनता है .बुआ-बहन की बातों में भी घुसा ही रहता होगा किसी ने ध्यान ही न दिया और इसकी आदत बिगड़ गयी .जाकर देख लाडो खड़ा होगा यही दरवाजे की ओट में ..छज्जे पर तो नहीं दिख रहा ..हो तो बता दियो …आज चप्पल से ऐसा धुनूंगी की कोई औरत मोटी नज़र न आवेगी इसे ..सत्यानास हो इसका …छिपकली बनेगा ..छिपकर बाते सुनता है मुआ …अब उम्र रही इसकी इन बातों की!……हेभगवन !इसे सद्बुद्धि दे दो या हमारा घर बदलवा दो …ऐसे चुगलखोरो के पड़ोस में कैसे रहेंगें बेटियों के साथ ?………… . बिटिया ने तर्जनी ऊँगली होठों पर रखकर इशारा किया ”अम्मा जरा धीरे बोलो श..श…वो मुआ छत पर आ गया है एंटीना ठीक करने के बहाने तुम्हारी बातें सुनने …” .अम्मा बड़बड़ाती हुई आँगन से कमरे की ओर से चल दी …”अमरीका में ही जाकर क्यूँ नहीं मर जाता …एक लठ्ठ पड़े खोपड़ी पर बुद्धि ठीक हो जाये ससुरे की !!!!
शिखा कौशिक
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